Anganwadi Supervisor Bharti Online Form 2024: हजारो पदों पर निकली भर्ती, जल्दी फॉर्म भरें- आप को बहुत दिनों से इंतजार था आंगनबाड़ी की सुपरवाइजर की भर्ती का तो अब भर्ती आ चुकी है तो जल्दी से जल्दी फॉर्म भरे और अपना काम शुरू करे ।
महिलाओं के लिए रोजगार प्राप्त करने का सुनहरा आपका नजदीक आ गया है क्योंकि राज्य में आंगनवाड़ी विभाग में बंपर भर्ती का आयोजन किया जा रहा हैं। अगर आप भी प्रदेश की निवास महिला है तो आपको भी आंगनबाड़ी भर्ती की जानकारी होना चाहिए अगर आपको इस भर्ती की जानकारी नहीं है तो आप हमारे लेख में बनी रहे।
आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से आप सभी महिलाओं के लिए आंगनबाड़ी भर्ती की विस्तृत जानकारी को साझा करने वाले हैं जो आप सभी को जानना बहुत जरूरी है ताकि आप भी इस भर्ती का एक हिस्सा बन सके। इस भर्ती का हिस्सा बनने के लिए आपको ऑनलाइन माध्यम से आवेदन करना होगा । आप सभी महिलाएं इस भर्ती का आवेदन आसानी से पूरा कर सकती हैं।
इस भर्ती का आवेदन आप इसकी ऑफिशल वेबसाइट पर जाकर पूरा कर सकते हैं जिसकी संपूर्ण जानकारी आर्टिकल में प्रस्तुत की गई है। आप आवेदन प्रक्रिया का पालन करके इस भर्ती का आवेदन कर सकती है अगर आप दी गई सभी जानकारी को अच्छे से पढ़ते हैं तो आपको इस भर्ती से जुड़ी सभी जानकारी प्राप्त हो जाएगी इसलिए सभी जानकारी को अच्छे से समझ लें।
Anganwadi Supervisor Bharti Online Form
आंगनवाड़ी सुपरवाइजर भर्ती एक बंपर भर्ती होने वाली है क्योंकि इस भर्ती में 23000 से अधिक पदों पर योग्य शिक्षित महिलाओं की नियुक्ति की जानी है। इस भर्ती की आवेदन की प्रक्रिया कुछ दिन पहले ही शुरू हो गई थी जिसके बाद से इच्छुक महिलाओं ने आवेदन करना प्रारंभ कर दिए हैं अगर आप भी इस भर्ती का आवेदन करना चाह रही है तो अब आप अभी भी इसका आवेदन कर सकती क्योंकि वर्तमान में इस भर्ती की आवेदन की प्रक्रिया चालू है।
आंगनवाड़ी सुपरवाइजर भर्ती के लिए शैक्षणिक योग्यता
जो भी महिलाएं इस भर्ती का आवेदन कर रही है उनकी जानकारी के लिए हम बता दें कि इस भर्ती के अंतर्गत शैक्षिक की योग्यता किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से 12वीं कक्षा पास होना रखा गया है।
आंगनवाड़ी सुपरवाइजर भर्ती के लिए आयु सीमा
यह भर्ती उन योग्य महिलाओं के आयोजित हो रही है जिनकी न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए एवं अधिकतम आयु 35 वर्ष होनी चाहिए यानी की 18 से 35 वर्ष के मध्य की आयु की महिला इस भर्ती का आवेदन कर सकती है। सभी वर्ग की महिलाओं को सरकार के नियम के अनुसार आयु में छूट दी जाएगी।
यह भर्ती 23753 पदों पर आयोजित करवाई जा रही है जिसके अंतर्गत महिलाओं से ऑनलाइन मोड में आवेदन मांगे गए हैं। जो भी महिला इसका आवेदन करना चाह रही है वह बिना देर किए अपना आवेदन पूरा कर ले ताकि इस भर्ती की अंतिम तिथि न निकल पाए। क्योंकि निर्धारित समय के बाद आवेदन मान्य नहीं किया जाएगा जिसके परिणाम स्वरूप फिर आप इस भर्ती में शामिल नहीं हो सकेंगे।
आंगनवाड़ी सुपरवाइजर भर्ती के लिए आवेदन शुल्क
इस भर्ती में सभी वर्ग की महिलाएं फ्री में आवेदन कर सकती है क्योंकि इस भर्ती में आवेदन प्रक्रिया निःशुल्क रखी गई है जिसके अंतर्गत किसी महिला को कोई भी खर्च नहीं देना पड़ेगा।
आंगनवाड़ी सुपरवाइजर भर्ती की चयन प्रक्रिया
इस भर्ती में आवेदन करने वाली महिलाओं का चयन मेरिट लिस्ट के आधार पर किया जाना है यानी की सबसे पहले आवेदन करने वाली महिलाओं की नाम को दर्शाने वाली मेरिट लिस्ट तैयार की जाएगी उसके बाद फिर उस लिस्ट के आधार पर महिलाओं का चयन किया जाएगा।
आंगनवाड़ी सुपरवाइजर भर्ती के लिए आवश्यक दस्तावेज
जो भी महिलाएं इस भर्ती का आवेदन करेंगी उन्हें निम्न दस्तावेज की आवश्यकता होगी जो इस प्रकार से है :-
- पासपोर्ट साइज फोटो
- निवास प्रमाण पत्र
- आधार कार्ड
- मोबाइल नंबर
- ईमेल आईडी
- आयु प्रमाण पत्र
- शैक्षिक दस्तावेज आदि।
आंगनवाड़ी सुपरवाइजर भर्ती के लिए आवेदन कैसे करें?
इस भर्ती में शामिल होने हेतु आप निम्नलिखित चरणों का पालन करें उसकी आवेदन प्रक्रिया निम्न प्रकार हैं :-
- सर्वप्रथम आप इसकी आधिकारिक वेबसाइट पर जाए।
- इसके बाद होम पेज ओपन होगा जिसमें आप रजिस्ट्रेशन के ऑप्शन पर क्लिक करें।
- अब आप अपने डिस्ट्रिक्ट को सेलेक्ट करे और पंजीकरण पूरा करे।
- इसके बाद आपको लॉगिन करना है जिसे आप मोबाइल नंबर को दर्ज कर पूरा कर सकते है।
- अब इसका आवेदन फॉर्म खुलेगा जिसमे आप मांगी जाने वाला विवरण दर्ज कर दे।
- इसके बाद आपको अपने आवश्यक दस्तावेजों को अपलोड करना है और सबमिट बटन पर क्लिक कर देना है।
- अब आपका आवेदन पूरा हो जाएगा और आप आवेदन का प्रिंट आउट ले ले।
Anganwadi Supervisor Bharti Conclusion
राज्य की महिलाओं के लिए आज का लेख महत्वपूर्ण साबित हुआ होगा क्योंकि उन्हें हमने आंगनबाड़ी भर्ती की सभी जानकारी बता दी है जिससे वह सभी इस भर्ती की सभी जानकारी को जान चुकी होगी साथ में आवेदन करना भी सिखा दिया है जिससे आप इसका आवेदन आसानी से पूरा कर सकती है।
यह भी जरूर पढ़े-
Apply Now
आंगनबाडी क्या है-
- भूमिका
- आंगनवाड़ी क्या है?
- आंगनवाड़ी में उपलब्ध कराई जाने वाली सेवाएँ हैं
- किसी आंगनवाड़ी केंद्र में क्या- क्या सुविधाएँ होनी चाहिए?
- किसी आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता की विशिष्ट भूमिका क्या है?
- क्या आंगनवाड़ी प्रभावी ढंग से कार्य कर रही है?
- क्या आपके गाँव में पर्याप्त आंगनबाड़ियां हैं?
- आंगनवाड़ी सभी निर्धारित दिवसों पर नहीं खुलती है
- क्या आप जानते हैं ?
- ग्राम पंचायतों द्वारा निभाई जाने वाली कुछ विशेष भूमिकाएँ
- हमने क्या सीखा ?
भूमिका
बाल्यावस्था की विभिन्न अवस्थाओं पर बच्चों की आवश्यकताओं की पहचान करने के लिए ग्राम पंचायतों की महत्वपूर्ण भूमिका के विषय में जानने के पश्चात् अब हम आंगनवाड़ी की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जानेंगे, जो वह बच्चों , विशेष रूप से निर्धन और निम्न आय वर्ग की परिवारों में बच्चों के स्वास्थय और विकास के लिए निभा सकती है।
शिशुओं के प्रसवपूर्व और प्रसवोत्तर स्वास्थय, बाल पोषण विद्यालय शिक्षा तथा बच्चों के टीकाकरण में आंगनवाड़ी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
आंगनवाड़ी क्या है?
आंगनवाड़ी छोटे बच्चों की पोषण, स्वास्थय और शिक्षा संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए एकीकृत बाल विकास सेवाएँ के कार्यक्रम के रूप में ग्राम स्तर पर सरकार द्वारा समर्थित एक केंद्र है। आंगनवाड़ी 6 वर्ष तक की आयु के बच्चों, किशोर युवतियों, गर्भवती महिलाओं तथा शिशुओं की देखरेख करने वाली माताओं की आवश्यकताओं की पूर्ति करती है।
प्रत्येक आंगनवाड़ी लगभग 400-800 लोगों की जनसंख्या पर बनाई जाती है। जनसंख्या के आधार पर ग्राम पंचायत क्षेत्र में एक अथवा एक से अधिक आंगनवाड़ी केंद्र हो सकते हैं। आंगनवाड़ी कायर्कर्त्ता तथा सहायिक आंगनवाड़ी केंद्र को चलाते हैं तथा स्वास्थय, शिक्षा, ग्रामीण विकास और अन्य विभागों के पधाधिकारियों के साथ समन्वय करते हुए आईसीडीएस का क्रियान्वयन करते हैं।
प्रत्येक 25 आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ताओं के लिए एक आंगनवाड़ी पर्यवेक्षक नियुक्त होती है जिसे मुख्य सेविका कहा जाता है, और जो आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता व सहायिका को कार्य के संबंध में मार्गदर्शन प्रदान करती है। आंगनवाड़ी छोटे बच्चों की आवश्यकताओं तथा देखभाल के बारे में जागरूकता फ़ैलाने का केंद्र भी हो।
आंगनवाड़ी में उपलब्ध कराई जाने वाली सेवाएँ हैं
- छह वर्ष से कम आयु के बच्चों की टीकाकरण
- समस्त गर्भवती स्त्रियों के लिए प्रसव पूर्व देखभाल और टीकाकरण
- छह वर्ष से कम आयु के बच्चों को अनुपूरक पोषण
- गर्भवती और शिशुओं की देखभाल करने वाली स्त्रियों को अनूपूरक पोषण
- 15-45 वर्ष के आयु वर्ग की सभी महिलाओं के लिए पोषण और स्वास्थय शिक्षा
- गर्भवती महिलाओं की प्रसवपूर्वक देखभाल तथा शिशुओं की देखरेख करने वाली माताओं की प्रसवोत्तर देखभाल
- नए जन्मे शिशुओं तथा 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों की देखभाल
- कुपोषण अथवा बीमारी के गंभीर मामलों को अस्पतालों, समुदाय स्वास्थय केन्द्रों अथवा जिला अस्पतालों (पोषण पुनर्वास केंद्र/नवजात शिशु गहन देखरेख यूनिट) को भेजना।
- 3-6 वर्ष की आयु के बच्चों को अनौपचारिक विद्यालयपूर्व शिक्षा प्रदान करना
किसी आंगनवाड़ी केंद्र में क्या- क्या सुविधाएँ होनी चाहिए?
आंगनवाड़ी में निम्नलिखित सुविधाएँ होनी आवश्यक है:
- एक भवन जो 63 वर्गमीटर/650 वर्ग फूट से कम न हो तथा कमरे XX3 वर्गमीटर के होने चाहिए।
- बरामदा 6X1.5 वर्गमीटर होना चाहिए तथा वह बाधामुक्त होना चाहिए।
- खेल का मैदान, खेल सामग्री तथा बाल हितैषी खिलौने
- साफ – सफाई, जल और स्वच्छता सुविधाएँ
- साफ और स्वच्छ रसोईघर – रसोई और स्टोर 6X3 वर्गमीटर होने चाहिए।
- बाल – हितैषी शौचालय – 2 होने चाहिए (2X3 वर्गमीटर)
- पहुँच के लिए ढलावदार सुविधाएँ
- मजबूत तथा रिसावमुक्त छत वाला भवन
- मजबूत खिड़कियाँ और दरवाजे
- विद्युत कनेक्शन और सुविधा
- फर्नीचर, पंखे, विस्तर
- जल, बाल्टी, ब्रुश झाडु साबुन, अध्ययन सामग्री
किसी आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता की विशिष्ट भूमिका क्या है?
आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता सामान्यत: उस गाँव की होती है तथा वह गाँव के स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों और उसकी आवश्यकताओं से पूरी तरह से अवगत होती है क्योंकी वह अपने क्षेत्र में परिवारों के साथ संपर्क बनाए रखती है। वह आंगनवाड़ी की प्रमुख कार्यकर्त्ता है। आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता निम्नलिखित कार्यों को निष्पादित करती है:
- प्रत्येक माह प्रत्येक बच्चों के वजन की जाँच करना तथा विकास कार्ड में दर्ज करना।
- 6 वर्ष कम आयु के बच्चों के लिए मातृ एवं बाल सुरक्षा कार्डों का रख – रखाव करना तथा करना तथा दौरे पर आए चिकित्सा अथवा अर्द्ध – चिकित्सा कर्मियों को कार्ड दिखाना।
- 3-6 वर्ष के आयु – वर्ग में बच्चों के लिए विद्यालयपूर्व गैर औपचारिक गतिविधियों को संचालित करना।
- स्थानीय रूप से उपलब्ध भोजन तथा स्थानीय व्यजंनों के आधार पर व्यंजन – सूची की आयोजना करते हुए 0-6 वर्ष के बच्चों, गर्भवती स्त्रियों तथा शिशुओं की देखरेख करने वाली माताओं के लिए अनुपूरक पोषणयुक्त आहार की व्यवस्था करना।
- स्वास्थय एवं पोषण शिक्षा प्रदान करना तथा शिशुओं को अपना दूध पिलाने/शिशुओं एवं आहार संबंधी प्रक्रियाओं पर माताओं को परामर्श देना।
- सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) के कर्मचारियों को टीकाकरण और स्वास्थय जाँच तथा साथ ही प्रसवपूर्व और प्रसवोत्तर जाँच में सहायता करना।
- घरों में दौरों के दौरान बचों में विकलांगता की पहचान करना तथा उन मामलों को निकटतम पीएचसी अथवा जिला विकलांगता पुनर्वास केंद्र में भेजना।
- दस्त, हैजा आदि के आपातकालीन मामलों को स्वास्थय केंद्र में भेजना।
- किशोरों के लिए विभिन्न स्कीमों के क्रियान्यवन में मदद करना।
क्या आंगनवाड़ी प्रभावी ढंग से कार्य कर रही है?
आंगनवाड़ी प्रभावी ढंग से कार्य करे, यह सुनिश्चित करने के लिए ग्राम पंचयत एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। इस संबंध में पूछे जा सकने वाले कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न हैं :
क्या आपके गाँव में पर्याप्त आंगनबाड़ियां हैं?
- क्या ये सभी आंगनबाड़ियां ऐसे स्थानों पर स्थित हैं जहाँ गरीब और जरूरतमंद परिवार व बच्चे आसानी से पंहुच सकते हैं?
- क्या उन आंगनबाड़ियों में पर्याप्त कर्मचारी हैं? क्या उन्हें समुचित रूप से प्रशिक्षण दिया गया है? क्या वे केंद्र में नियमित रूप से उपस्थित होते हैं?
ऐसी अनेक बातें हैं जो आंगनबाड़ियों में काम – काज को प्रभावित कर सकती हैं तथा ग्राम पंचायत को इन बातों का ध्यान रखना चाहिए और साथ ही समस्याओं का समाधान करना चाहिए। इस संबंध में ग्राम पंचायत के लिए एक जाँच – सूची नीचे दी गई है:
आंगनवाड़ी सभी निर्धारित दिवसों पर नहीं खुलती है
- हालाँकि आंगनवाड़ी खुलती तो है, परंतु यह कुछ ही समय तक कार्य करती हैं, पूरा समय नहीं।
- माताओं की बैठकों तथा आंगनवाड़ी स्थानीय सहायता और अनुवीक्षण समिति की बैठकें नियमित रूप से आयोजित नहीं की जा रही है।
- आंगनवाड़ी द्वारा उपलब्ध कराया जाने वाला पोषक भोजन ठीक से नहीं पकाया जात्रा है, या साफ – सुथरा नहीं होता अथवा घटिया क्वालिटी का होता है।
- गरीब समुदायों, दलित और अल्पसंख्या समुदायों तथा विकलांग बच्चों की ठीक से नहीं सूनी जाती और उनसे उचित व्यवहार नहीं किया जा सकता है।
- बच्चों का उम्र वजन अनुसार ठीक से नहीं लिया जाता तथा उसे माँ और बच्चों संरक्षण कार्ड में दर्ज नहीं किया जाता।
- बच्चों का नियमित रूप से टीकाकरण नहीं किया जाता।
- आ आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता 3-6 वर्ष के आयु wrt के लिए कोई शिक्षण कार्यकलाप संचालित नहीं करती।
- आंगनवाड़ी बच्चों के खेलने के लिए की जगह नहीं है।
- आंगनवाड़ी में वजन करने के उपकरण तथा चिकित्सा कीट उपलब्ध नहीं हैं।
- आंगनवाड़ी में पर्याप्त विकास चार्ट, खिलौने और विद्यालयपोरव शिशु किट विद्यमान नहीं हैं।
- आंगनवाड़ी अपने भवन में नहीं बल्कि यह किराए के भवन में चल रही है तथा इसे बार बार अलग भवन में स्थानांतरित किए जाने की आवश्यकता पड़ती हैं।
- भवन में साफ हवा का ऊचित प्रबंध नहीं है तथा आंगनवाड़ी का रख – रखाव भी ख़राब है।
- इसमें समुचित फर्नीचर और भंडार – गृह भी नहीं हैं।
- रसोईघर अत्यंत गंदा है, पेयजल साफ नहीं है तथा शौचालय प्रयोग करने योग्य नहीं है।
- ग्राम पंचायत क्षेत्र में आंगनवाड़ी के संख्या जनसंख्या के अनुपात में कम हा
- आंगनवाड़ी ऐसे स्थान पर स्थित हैं तथा जरूरतमंद, गरीब परिवारों के इए आसानी के साथ पंहुच योग्य नहीं हैं।
आंगनवाड़ी को प्रभावी बनाने तथा सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लेन के लिए ग्राम क्या भूमिका निभा सकती है?
ग्राम पंचायत आंगनबाड़ियों में सेवा वितरण की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए अनेक कार्य कर सकती है। ग्राम पंचायत को यह सुनिश्चित करने के आवश्यकता है कि आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता अपनी भूमिका को पर्याप्त रूप से निभाने में समर्थ है और इसके लिए उसे सभी आवश्यक सहायता प्रदान की जानी चाहिए। को ऊपर लिखी विभिन्न चुनौतियों को ध्यान में रखना चाहिए तथा यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इनका निवारण किया जा सके।
क्या आप जानते हैं ?
गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों के अधिकांश बच्चे ऐसे घरों से होते हैं जहाँ ख़राब अवसंरचना होती है तथा साफ – सफाई का भी अभाव होता है। ये परिस्थितियों उनके शारीरिक, सामाजिक और मानसिक विकास को बाधित करती हैं। चूंकि समान अवसर हर बच्चे का अधिकार है, अत: घर में विद्यमान कमियों को दूर करने के लिए आंगनवाड़ी में समुचित और पर्याप्त सुविधाएँ अवश्य उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
केरल में, 10 सेंट भूमि प्रदान करने वाली ग्राम पंचायत को एक आदर्श आंगनवाड़ी के लिए भवन का निर्माण करने हेतु 15 लाख रूप दिए जाते हैं। इसके अलावा, इसके लिए संबंधित विधायक निधि से 4 लाख रूपये भी आवंटित किए जाते हैं। ऐसी आंगनबाड़ियों संसाधन केन्द्रों के रूप में किशोरों की तथा दैनिक देखभाल केन्द्रों के रूप में वरिष्ठ नागरिकों की आवश्यकताओं की पूर्ति करती हैं।
ग्राम पंचायतों द्वारा निभाई जाने वाली कुछ विशेष भूमिकाएँ
- यह सुनिश्चित किए जाए कि समस्त बस्तियों और समुदायों के बच्चों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए पर्याप्त संख्या में आंगनबाड़ियों की स्थापना की जाए तथा ये बच्चों के लिए पहुँच योग्य भी हो: आंगनबाड़ियों की स्थापना के लिए, ग्राम पंचायत आंगनवाड़ी पर्यवेक्षक और बाल विकास परियोजना अधिकारी के माध्यम से महिला और बाल विकास विभाग से संपर्क कर सकती और यदि संभव हो, तो आंगनवाड़ी केंद्र के भवन के लिए भूमि का योगदान भी कर सकती है। ग्राम पंचायत दान योग्य भूमि की तलाश भी कर सकती है।
- आंगनबाड़ियों में गुणवत्ता अवसंरचना तथा प्रशिक्षित कर्मचारी सुनिश्चित करना अवसंरचना सुविधाएँ विकसित करने के लिए ग्राम पंचायत महिला और गाल विकास विभाग से संपर्क कर सकती है तथा अपने स्वयं के फंड का प्रयोग भी कर सकती है। यह आंगनबाड़ियों को फर्नीचर जैसे – कुर्सियाँ, अलमारियां, और खाना रखने के बर्तन प्रदान कर सकती है तथा उन्हें बिजली और गैस कनेक्शन, आदि भी प्रदान कर सकती है। ग्राम पंचायत को यह भी देखना होता है कि महिला और बाल विकास विभाग की सहायता से उपयुक्त आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों की नियुक्ति की जाए।
- आंगनवाड़ी में पर्याप्त सुविधाएँ सुनिश्चित करना : ग्राम पंचायत को कुछ राज्यों में आंगनवाड़ी केन्द्रों को अनुपूरक पोषण = सामग्री की खरीद और आपूर्ति का कार्य भी सौंपा गया है। ऐसे मामलों में, ग्राम पंचायत को पोषण – सामग्री तथा प्रदान की जा ने वाली अन्य सेवाओं का पर्यवेक्षण अवश्य ही करना चाहिए। ग्राम पंचायतों को यह देखना होगा की प्रत्येक आंगनवाड़ी में पर्याप्त खिलौने और शिक्षण उपकरण उपलब्ध रहें।
कुछ ग्राम पंचायतें आंगनवाड़ी केंद्र में बच्चों के लिए पूरक पोषण के तौर पर दूध, अंडे एवं केले इत्यादि देती हैं क्या आप अपनी ग्राम पंचायत की आंगनवाड़ी के बच्चों के पोषण के लिए कुछ अनुदान दे सकते है।
- बालिकाओं तथा वंचित बच्चों का नामांकन और उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करना : ग्राम पंचायत बालिकाओं को आंगनवाड़ी भेजने के लिए उनके परिवारों को प्रोत्साहित कर सकती हैं तथा यह भी सुनिश्चित कर सकती हैं कि वंचित परिवारों जैसे गरीब, अल्पसंख्यक और अन्य साधनहीन परिवारों के बच्चों तथा विकलांग बच्चों का उनमें नामांकन किया जा रहा है और वे नियमित रूप से वहाँ जा रहे हैं। ग्राम पंचायत के निर्वाचित प्रतिनिधि ऐसे बच्चों के नामांकन में वृद्धि करने के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को प्रेरित कर सकते हैं। ग्राम पंचायत को यह देखना चाहिए कि जाति, धर्म अथवा किसी अन्य आधार पर बच्चों के साथ कोई भेदभाव न किया जाए।
- नियमित निगरानी : निर्वाचित प्रतिनिधि को यह सुनिश्चित करना चाहिए की आंगनवाड़ी नियमित रूप से चल रही तथा विनिर्दिष्ट अवधि के दौरान खुलती है। निर्वाचित प्रतिनिधियों को बीच- बीच में आंगनवाड़ी का दौरा करना चाहिए। वे आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को प्रेरित कर सकते हैं। ग्राम पंचायत को यह भी देखना चाहिए कि जाति, धर्म अथवा किसी अन्य आधार पर बच्चों के साथ कोई भेदभाव न किया जाए।
ग्रामीण समुदायों के जीवन में आंगनवाड़ी की उल्लेखनीय भूमिका को ध्यान में रखते हुए आगामी अध्यायों में हम बच्चों की वृद्धि और विकासात्मक आवश्यकताओं के संदर्भ में आंगनवाड़ी की विशिष्ट भूमिका पर चर्चा करेंगे। Apply Now
हमने क्या सीखा ?
आंगनवाड़ी केंद्र बाल विकास और वृद्धि में सहायता प्रदान करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
आंगनवाड़ी द्वारा प्रदान की जाने वाली प्रमुख सेवाएँ हैं : अनुपूरक आहार, टीकाकरण स्वास्थय जाँच और आगे अस्पतालों को भेजना, स्वास्थय एवं पोषण शिक्षा तथा 3 से 6 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए विद्यालय पूर्व शिक्षा।
आंगनवाड़ी के लिए कुछ आधारभूत न्यूनतम अवसंरचनात्मक आवश्यताएँ हैं जैसे भवन क्षेत्र, बरामदा, खेल का मैदान और शौचालय आदि।
आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता आंगनवाड़ी के प्रभावी कार्यकरण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
यदि आंगनबाड़ियों में समुचित अवसंरचना नहीं है, या ठीक से कार्य नहीं करती तो वे बच्चों को पर्याप्त सहायता प्रदान करने में सर्मथ नहीं हो पाएंगी।
ग्राम पंचायतों को यह सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न सहायक और पर्यवेक्षीय भोमिकएं निभाने की आवश्यकता है कि आंगनवाड़ी समुचित ढंग से कार्य करें।
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